LEADERS ON JAINISM
जैन धर्म एक महान धर्म है, जिसे दुनिया के हर हिस्से ने कहीं न कहीं अलग-अलग रूप में स्वीकार किया है। पूरी दुनिया मान रही है कि जैन धर्म ही शांति का मार्ग है। दुनिया भर में कई बड़े व्यक्तित्व जैन धर्म के सिद्धांतों से प्रभावित हैं। आइए उनमें से कुछ को सुनें ~
The 14th Dalai Lama
Lhamo Thondup
The 14th Dalai Lama, known as
Gyalwa Rinpoche to the Tibetan people,
is the current Dalai Lama. He is the
highest spiritual leader and former
head of state of Tibet.
दलाई लामा ने कहा-
जैन धर्म शांति का
अद्भुत मार्ग है
" प्राचीन भारतीय परंपरा में से एक जैन धर्म है- जीवन का अहिंसक तरीका। जैन धर्म में समाज के भीतर अहिंसक और शाकाहार को बढ़ावा देने की बड़ी शक्ति है।
जैन चिकित्सकों के बीच मेरे कई दोस्त हैं जो वास्तव में एक अच्छा उदाहरण बना सकते हैं कि कैसे शांतिपूर्ण और शाकाहारी जीवन शैली का पालन किया जाए। जैन धर्म के अनुयायी जैन धर्म के संदेशों को आगे बढ़ाते हैं।
आज की दुनिया में हम गोमांस फार्म और मछली या चिकन फार्म देखते हैं जहां हम देखते हैं कि लोग जानवरों के साथ बेरहमी से व्यवहार करते हैं, वे बस इन जानवरों का शोषण करते हैं और साथ ही बड़े गोमांस फार्म और चिकन फार्म पर्यावरण और पारिस्थितिक दृष्टिकोण से हानिकारक हैं। इसलिए हमें प्रचार करना चाहिए शाकाहार और अहिंसा जीवन शैली का। मैंने सुना है कि विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में गोमांस फार्म पर्यावरण संबंधी और पारिस्थितिक समस्या का कारण बनता है। इसलिए हमें शाकाहार का प्रचार करना चाहिए।
भारत में हमारे मठों के संस्थानों में सभी आम रसोई ने मांस को भोजन के रूप में तैयार करना बंद कर दिया। एक व्यक्ति क्या खाता है यह व्यक्ति पर निर्भर करता है लेकिन आम रसोई सभी शाकाहारी हैं। इसलिए, आज, नए साल को चिह्नित करने के लिए, मैं आपकी परंपरा के लिए गहरे सम्मान के साथ आपको बधाई देना चाहता हूं। "
धन्यवाद~
दलाई लामा
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Defence Minister of Bharat
Shri Rajnath Singh
Rajnath Singh is an Indian politician
serving as the Defence Minister of India.
He is currently the Deputy Leader of the
House Lok Sabha. He is the former
President of Bharatiya Janata Party.
He has previously served as the Chief
Minister of Uttar Pradesh.
राजनाथ सिंह ने जैन धर्म
को अहिंसा के पीएचडी
से सम्मानित किया
" आप यदि किसी विषय में पी.एच.डी (PhD) कर ले तो आप यह नहीं कह सकते हैं कि हमारे उस विषय का मूल विषय से कोई संबंध नहीं, इसलिए मैं यह मानता हूं कि अहिंसा के मामले में हिंदू धर्म एक विषय है लेकिन पी.एच.डी (PhD) की डिग्री किसी के पास है तो वह जैन धर्म के पास ही है। इसलिए हिंदू और जैन धर्म को अलग-अलग करके किसी भी सूरत में नहीं देखा जा सकता।
कभी-कभी यह भी कहा जाता है, कि जैन धर्म का राष्ट्र की एकता और अखंडता से अथवा राष्ट्र के अस्तित्व से क्या नाता है। यह आरोप लगाने वाले अथवा यह शंका व्यक्त करने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र को संगठित स्वरूप देने का काम सबसे पहले किसी ने किया था, तो वह आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने किया था, जो की जैन धर्म को मानते थे। इनका राज्याभिषेक भी जैन परंपरा के आधार पर हुआ था। इन्होने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में गुजरा था। इसलिए कोई यह कहे कि इस राष्ट्र की एकता और अखंडता में जैन धर्म का कोई योगदान नही है, तो वह पूरी तरह से बेबुनियाद है ,पूरी तरह से निराधार है।
मैं जैन समाज से चाहता हूं कि जिस मार्ग पर आप अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं उसी मार्ग आप आगे बढ़ाते रहिए। बहुत सारी समस्याओं का समाधान यदि निकल सकता है तो जैन धर्म के माध्यम से ही निकल सकता है ।लोग यह भी कह सकते हैं कि जैन धर्म को मानने वालों की संख्या इस धरती पर बहुत कम है लेकिन मैं कहता हूं, कि भले ही संख्या बहुत कम हो, लेकिन जैन धर्म को मानने वालों में गुण, आचारण, व्यवहार है। इसलिए वे समाज में अपनी श्रेष्ठता को सिद्ध कर रहे हैं। "
धन्यवाद~
राजनाथ सिंह
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Actor
Aamir Khan
Mohammed Aamir Hussain Khan is an
Indian actor, film director and producer
who works in Hindi films. Through his
career spanning over 30 years, Khan
has established himself as one of the
most popular actors of Indian cinema.
आमिर खान जैन धर्म
के सिद्धांतों को
क्यों पसंद करते हैं ?
" आप जानते हैं कि मैंने विभिन्न दर्शन के बारे में पढ़ा है लेकिन मैं जैन दर्शन से बहुत प्रभावित हूं, क्योंकि यह तीन पहलुओं पर आधारित है।
*पहला -अहिंसा।
*दूसरा- आप उतना ही इस्तेमाल करिए जितना कि आपको जरूरत है उसे ज्यादा इस्तेमाल ना करें ।
*तीसरा-अगर किसी और का सोच विचार आपसे अलग है तो आप उसे झगड़ा ना करें। आप यह बात माने कि उसका भी एक पक्ष है और उसको अधिकार है अपना अलग पक्ष रखने का। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं आपसे जुदा हो जाऊं, आप से अलग हो जाओ, आप से झगड़ा करने लगू।
अलग विचार को एक ही मंच पर रखने का हम सबको अधिकार है। यह सारे मूल एवं खासियत है जैनियों की जो मुझे बड़ी अच्छी लगी, मैं खुश हुआ ,बड़ा प्रभावित हुआ । इससे मुझे सीखने को मिला। "
धन्यवाद~
आमिर खान
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Spiritual Guru
Sadhguru
Jagadish "Jaggi" Vasudev, known by
the honorific title Sadhguru, is an Indian
yoga guru and proponent of spirituality.
He has been teaching yoga in southern
India since 1982.
जब सध्गुरु से
पुछा जैन साधु
नग्न क्यों रहते है ?
" मुझे श्रवणबेलगोला में भगवान बाहुबली के मस्तकाभिषेक में बुलाया गया। एक व्यक्ति मेरा इंटरव्यू ले रहा था। वह बोला कि देखो सध्गुरु,तुम इन सब के बारे में बात करते हो, आर्थिक स्वास्थ्य के बारे में बात करते हो, लेकिन इन जैन साधु को देखो, इन्हें कुछ नहीं चाहिए। यह बस नग्न है और यहां बैठे हुए हैं।
मैंने कहा कि तुमने इन्हे बिल्कुल गलत समझा है। यह जैन साधु संसार के किसी भी सी.ई.ओ (C.E.O) से ज्यादा महत्वाकांक्षी हैं। तुम छोटी मोटी जायदाद के लिए मेहनत कर रहे होंगे। लेकिन इनका लक्ष्य इतना बड़ा है कि उसके लिए वे सब कुछ छोड़कर नग्न घूमने के इच्छुक हैं।
वह बहुत ही महत्वाकांक्षी हैं।यह सब कुछ सिर्फ प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं, लेकिन संचय करने के लिए नहीं। कुछ प्राप्त करने के लिए नहीं कर रहे होते तो मैं पूछता हूं कि क्या यह इतनी तपस्या करते उन्हें कुछ बड़ा चाहिए जो तुम प्राप्त करना चाहते हो, उससे बहुत बड़ा। केवल वह बड़ा बनना चाहते हैं, लेकिन संचय करके नहीं क्योंकि इकट्ठा करने से कोई बड़ा नही होता। "
धन्यवाद~
सध्गुरु
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Prime Minister of Bharat
Shri Narendra Modi
Narendra Damodardas Modi is an
Indian politician serving as the 14th and
current prime minister of India since
2014. Modi was the chief minister of
Gujarat from 2001 to 2014 and is the
Member of Parliament from Varanasi.
नरेंद्र मोदी बता
रहे हैं मैं
एक 100% जैन हूँ
" मैं मानता हूँ जैन शास्त्रों एवं अहिंसा का उत्तम से उत्तम पालन करने का कोई रास्ता है-उत्पादन के क्षेत्र में है तो वह सोलर एनर्जी है। किसी जीव की हिंसा नहीं है और इसलिए मैं एक 100% जैनी हूँ।
मैं ये मानता हूँ की देश में वातावरण की सुरक्षा होनी चाहिए और इसीलिए हमे हमारा जीने का तरीका बदलना चाहिए और उसी दिशा में जाना पडेगा जो भगवान महावीर स्वामी कहके गए उसी रास्ते पे जाना पडेगा। मान के चलिए पूरे विश्व को इस वातावरण की बदलती कठिनाइयों से बचाना है, ग्लोबल वॉर्मिंग से बचाना है तो भगवान महावीर स्वामी का मूलभूत चिंतन ही काम आने वाला है। ये मैं बहुत विश्वास के साथ कहता हूँ। "
धन्यवाद~
नरेंद्र मोदी
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Former President of Bharat
Shri Ram Nath Kovind
Shri Ram Nath Kovind is an Indian politician who served as the 14th President of India from 2017 to 2022. He is a member of the Bharatiya Janata Party. He is the second person after K. R. Narayanan, from the Dalit community to occupy the post.
रामनाथ कोविन्द जी
जैनो के दान की
महिमा बता रहे हैं
" विश्व कल्याण की दृष्टि से जैनधर्म में चार तरह के दान बताए गए। यह दान है- अभय दान, औषधी दान, आहार दान और ज्ञान दान। मुझे लगता है कि जैन परंपरा में दान का जो महत्व है उसके पीछे प्रकृतिका वह अकाट्य नियम है, जिसके अनुसार इस संसार में हम जो कुछ भी देते है उसका कई गुना प्रकृति से हमें वापस मिलता है। हमारे सत्कर्मों का प्रतिफल भी हमें कई गुना बढ़ करके मिलता है। इस प्रकार जिन लोगों ने भी इस अस्पताल (Bhagwan Mahavir Super Speciality Hospital ,Delhi) के निर्माण हेतु दान दिया है। उन्होंने तो यह स्वास्थ्य औषधी दान निस्वार्थ भाव से किया है, परंतु प्रकृति के नियम के अनुसार यह निश्चित है कि उनके लिए आजीवन स्वास्थ्य सेवाओं के उपलब्ध रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया। वे कभी भी अपने जीवन में औषधीय उपचार की कमी का अनुभव नहीं करेंगे।
इस संदर्भ में आहार दान की भी बात आती है। आहार दान के पुण्य से जुड़ा में अपना एक निजी अनुभव आपके साथ साझा करना चाहूंगा। शायद वर्ष 1994-95 की बात है। जब डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा भारत के राष्ट्रपति थे। आचार्य श्री 108 पद्मसागर सूरी जी महाराज का राष्ट्रपति से मिलने का समय नियत किया गया। उन दिनों मेरा निवास स्थान ' साउथ एवेन्यू तीन मूर्ति ' के पास हुआ करता था। मुझे पहले से ही महाराज जी के संपर्क में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । संयोग से उनका कार्यक्रम कुछ इस प्रकार से बना की दादाबाड़ी महरौली से लगभग 3 घंटे की पदयात्रा के बाद उन्होंने मेरे निवास स्थान पर आहार ग्रहण करने की कृपा की और उसके बाद वह राष्ट्रपति भवन गए। मैंने तो साधारण से महाराज जी तथा उनके अन्य साधु गणों को आहार केवल श्रद्धा भाव से समर्पित किये थे, परंतु संतों की कृपा , प्रकृति के नियम के प्रभाव से मैंने जो अनुभव किया कि आज तक मेरे परिवार जनों को कभी भी खाद्यान्न की कमी का एहसास नहीं हुआ । "
धन्यवाद~
प्रणव मुखर्जी
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