Shri 1008 Kalpadrum Mahamandal Vidhaan
प.पू चर्याशिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से धर्मनगरी टीकमगढ़ की पावन धरा में 21 वर्षों बाद प.पू श्रमण मुनि श्री 108 समत्व सागर, श्रमण मुनि साक्ष्य सागर , श्रमण मुनि निर्वृत सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में दिनांक 3 नवम्बर से 14 नवंबर 2022 तक श्री 1008 कल्पद्रुम महामंडल विधान एवम विश्व शांति महायज्ञ एवम नगर गजरथ परिक्रमा का भव्य ऐतिहासिक आयोजन आयोजित किया गया है।
GHATYATRA
GHATYATRA , DHVAJAAROHAN
& SAMAVSARAN UDGHATAN - 3/11/22
श्री 1008 कल्पद्रुम महामंडल विधान का भव्य शुभारम्भ हुआ।
जिसमें श्री 1008 पारसनाथ जैन माँझ मंदिर जी से जिनेन्द्र भगवान एवं की शोभायात्रा एवं मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज ससंघ के साथ विधान के मुख्य पात्र हाथियों पर एवं बग्गियो पर बेठकर धर्म ध्वजा लेते हुए मुख्य मार्गों से होते हुए मानस मंच पहुँचें।
वहाँ पर सर्वप्रथम ध्वजारोहणकर्ता जी ने सपरिवार ध्वजारोहण किया एवं पांडाल उद्घाटनकर्ता जी ने पांडाल उद्घाटन करते हुए समस्त समाज को प्रवेश कराया। उसके बाद श्री जी का अभिषेक एवं शांतिधारा मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के मुख से सभी को प्राप्त हुई। तदुपरांत समवशरण उद्घाटनकर्ताओं ने समवशरण का उद्घाटनस करते हुए सभी को भगवान के दर्शन कराए और मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के मंगलमय प्रवचन हुए ।
शाम 6:00 बजे आरती प्रारंभ हुई।
DAY 1
DAY 1 VIDHAAN
& WONDERFUL LIFE I - 4/11/22
घटयात्रा के बाद आज विधान का पहला दिन था। सभी श्रावक गण बड़े उत्साहित थे। प्रातः 7:00 बजे तक पंडित जी द्वारा जन्म अभिषेक पूर्ण हुआ। इसके पश्चात समत्व सागर जी महाराज द्वारा शांति धारा के मंत्रोच्चार हुए, जिससे पूरे पंडाल में शांति स्फुटित हो गई। फिर भक्त गणों ने पूरी भक्ति से पूजन विधान संपन्न किया। इसी के मध्य पूज्य मुनि श्री 108 साक्ष्यसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
आज का विशेष कार्यक्रम "Happy Mind Happy Life" था। ये मुनि समत्व सागर जी महाराज ससंघ के आशीर्वाद से युवाओं के लिए 3 प्रवचनों की श्रृंखला थी। पूरे नगर के एवं आसपास के गांव से सभी स्कूलों के बच्चे एवं युवा पंडाल में आए थे। यह प्रवचन मात्र जैनों के लिए नहीं जन-जन के लिए थे।
जहां मुनि श्री 108 साक्ष्य सागर जी ने जीवन में सफल बनने के लिए कुछ बिंदुओं को बताया। वहां मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज ने मोबाइल मेजॉरिटी और मीडिया नामक 3M बताए। इनसे दूर रहने का पुरुषार्थ करने को बताया।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 2
DAY 2 VIDHAAN
& WONDERFUL LIFE II - 5/11/22
आज विधान का था तो दूसरा दिन पर उत्साह वही पहले दिन जैसा। सभी श्रावक गण बड़े उत्साहित थे। प्रातः 7:00 बजे तक पंडित जी द्वारा जन्म अभिषेक पूर्ण हुआ। इसके पश्चात समत्व सागर जी महाराज द्वारा शांति धारा के मंत्रोच्चार हुए, जिससे पूरे पंडाल में शांति स्फुटित हो गई। फिर भक्त गणों ने पूरी भक्ति से पूजन विधान संपन्न किया। इसी के मध्य मुनि श्री 108 निवृत्तसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
आज "Happy Mind Happy Life" प्रवचनों की श्रृंखला में युवाओं को दूसरा दिन प्राप्त हुआ। आज मुनि श्री 108 निवृत्त सागर जी महाराज ने दुख का मुख्य कारण युवाओं की अस्वस्थ दिनचर्या को बताया। वहीं युवाओं के प्रिय महाराज मुनि श्री 108 समत्व सागर जी ने चमत्कार कैसे होते है यह बताया साथ ही आत्मा के ज्ञान का परिचय दिया ।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 3
DAY 3 VIDHAAN
Aacharya Shri 108 Viragsagar ji
Aacharya Padarohan Diwas
& WONDERFUL LIFE III - 6/11/22
आज विधान का तीसरा दिन था। भक्ति के साथ जन्म अभिषेक, शांतिधारा, पूजन हुई ।इसी के मध्य मुनि श्री 108 साक्ष्यसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
आज विशेष अवसर यह था की आज परम पूज्य परम उपकारी गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महा मुनिराज जी का आचार्य पदारोहण दिवस था, जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
आज "Happy Mind Happy Life" प्रवचनों की श्रृंखला में युवाओं को तीसरा दिन प्राप्त हुआ। आज मुनि श्री 108 साक्ष्यसागर जी ने जीवन में सफल बनने के लिए कुछ बिंदुओं को बताया। वहीं युवाओं के प्रिय महाराज मुनि श्री 108 समत्व सागर जी ने सफल जीवन जीने के कुछ तरीके बताए साथ में दुनिया के सबसे बड़ी खोज के बारे में बताया ।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 4
DAY 4 VIDHAAN
& SPECIAL WONDERFUL LIFE IV - 7/11/22
आज विधान का चौथा दिन था। सभी श्रावक गण बड़े उत्साहित थे। प्रातः 7:00 बजे तक पंडित जी द्वारा जन्म अभिषेक पूर्ण हुआ। इसके पश्चात समत्व सागर जी महाराज द्वारा शांति धारा के मंत्रोच्चार हुए, जिससे पूरे पंडाल में शांति स्फुटित हो गई। फिर भक्त गणों ने पूरी भक्ति से पूजन विधान संपन्न किया। इसी के मध्य मुनि श्री 108 निवृत्तसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
आज "Happy Mind Happy Life" प्रवचनों की श्रृंखला में युवाओं को एक और अद्भुत दिन प्राप्त हुआ। आज युवाओं के प्रिय महाराज मुनि श्री 108 समत्व सागर जी ने लक्ष्य चुनने का तरीका बताया साथ ही दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉक्टर ,मैनेजर इंगीनियर के बारे में बताया।। युवाओं के सपनो को प्रोत्साहन देने किए और अपने अनुभव शेयर करने के उद्देश से टीकमगढ़ जिले के प्रशासनिक अधिकारीगण हमारे बीच उपस्थित हुए।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 5
DAY 5 VIDHAAN
GODH BHARAI & DIGVIJAY YATRA - 8/11/22
आज विधान का पाँचवा एवं बड़ा दिन था क्योंकि आज चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा थी। सभी श्रावक गण बड़े उत्साहित थे। प्रातः 7:00 बजे तक पंडित जी द्वारा जन्म अभिषेक पूर्ण हुआ। इसके पश्चात महाराज जी द्वारा शांति धारा के मंत्रोच्चार हुए। फिर भक्त गणों एवं सभी युवाओ द्वारा "मंगलववार पूजन" के रूप में पूरी भक्ति से पूजन-विधान संपन्न किया। इसी के मध्य मुनि श्री 108 साक्ष्यसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
दोपहर 2:00 बजे से चक्रवर्ती की भव्य दिग्विजय यात्रा बड़े ही धूम धाम के साथ आयोजित की गई। जिसमे नगर के सभी वासी ने चक्रवर्ती का सम्मान किया और यात्रा में शामिल हुए।
फिर नगर का सौभग्य जागा और सभी को भविष्य के दीक्षार्थियों की गोद भराई करने का सौभाग्य मिला जिसमे प्रत्येक व्यक्ति की बड़ी विशुद्धि बनी।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 6
DAY 6 VIDHAAN
& SPECIAL MOVIE BY WJ TEAM - 9/11/22
आज हम विधान के मध्य में पहुंच गए। प्रातः 6:00 बजे पण्डितजी के निर्देशन में जन्माभिषेक प्रारंभ हुआ जो मधुर सुप्रभात स्तोत्र एवं भजन के साथ आगे बड़ा | 6:30 पर मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज का ससंघ आगमन पश्चात शांतिधारा हुयी। इसके बाद संगीतमय पूजन प्रारंभ हुई। 9:00 बजे मुनि श्री 108 निवृत्तसागर जी एवं मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के पावन प्रवचन हम श्रावकों को मिले। लगभग 12:30 तक सभी इंद्र-इंद्राणियों, राजाओं एवं श्रावकों ने भक्ति पूर्वक विधान संपन्न किया।
दोपहर 2:00 बजे "Wonderful Jainism" की टीम द्वारा एक विशेष मूवी की प्रस्तुति हुयी।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचन के बाद कलाकारों द्वारा भरत चक्रवर्ती और बाहुबली के मध्य युद्ध का प्रदर्शन हुआ।
DAY 7
DAY 7 VIDHAAN
& Aacharya Shri 108 Vidyasagar ji
Aacharya Padarohan Diwas - 10/11/22
आज विधान का सातवा दिन था और बहुत ही भव्य दिन था। प्रातः 6:00 बजे पण्डितजी के निर्देशन में जन्माभिषेक प्रारंभ हुआ जो मधुर सुप्रभात स्तोत्र एवं भजन के साथ आगे बड़ा | 6:30 पर मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज का ससंघ आगमन पश्चात शांतिधारा हुयी।
इसके बाद इस दिन को विशेष बनाने वाले संत शिरोमणी महा उपकारी आचार्य भगवंत श्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज के आचार्य पदारोहण दिवस पर बड़े ही उत्साह के साथ संगीतमय पूजन हुई और बड़े ही धूम-धाम के साथ इस अवसर को मनाया गया। 9:00 बजे मुनि श्री 108 साक्ष्य सागर जी एवं मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के पावन प्रवचन हम श्रावकों को मिले। लगभग 12:30 तक सभी इंद्र-इंद्राणियों, राजाओं एवं श्रावकों ने भक्ति पूर्वक विधान संपन्न किया।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 8
DAY 8 VIDHAAN
& Nirgranth Stotra Launch - 11/11/22
आज विधान का आठवाँ दिन था और विधान समाप्ति की और पहुंच चूका था। प्रातः 6:00 बजे पण्डितजी के निर्देशन में जन्माभिषेक प्रारंभ हुआ जो मधुर सुप्रभात स्तोत्र एवं भजन के साथ आगे बड़ा | 6:30 पर मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज का ससंघ आगमन पश्चात शांतिधारा हुयी।
इसके बाद 9:00 बजे मुनि श्री 108 निवृत्तसागर जी एवं मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के पावन प्रवचन हम श्रावकों को मिले। लगभग 12:30 तक सभी इंद्र-इंद्राणियों, राजाओं एवं श्रावकों ने भक्ति पूर्वक विधान संपन्न किया।
आज मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज द्वारा रचित "निर्ग्रन्थ स्तोत्र" को समाज के समक्ष्य प्रसारित किया गया।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कलाकारों द्वारा एक नाटक का मंचन हुआ।
DAY 9
DAY 9 VIDHAAN
& BHAVY PIKCHIKA PARVARTAN - 12/11/22
आज विधान का नवमा दिन था और भव्य संयम दिवस था क्यूंकि आज पिक्चिका परिवर्तन का दिन था । प्रातः 7:00 बजे तक पंडित जी द्वारा जन्म अभिषेक पूर्ण हुआ। इसके पश्चात मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज द्वारा शांति धारा के मंत्रोच्चार हुए, जिससे पूरे पंडाल में शांति स्फुटित हो गई। फिर भक्त गणों ने पूरी भक्ति से पूजन विधान संपन्न किया। इसी के मध्य मुनि श्री 108 साक्ष्य सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 समत्वसागर जी महाराज के प्रवचन श्रावक गण के लिए मिले।
आज पिच्छिका तो 3 ही परिवर्तित होनी थी पर टीकमगढ़ का महा सौभाग्य की मुनिवर चार हो गए थे। आज मुनि श्री 108 विश्वदत्त सागर जी महाराज का समवसरण में मंगल आगमन हुआ और तो और परम पूज्य आचार्य श्री 108 विभव सागर जी महाराज के संग में भावी माताजी बनने वाली ब्रह्मचारिणी दीदी भी आईं थी। विधान के मध्य में टीकमगढ़ में इतनी शोभा -टीकमगढ़ को पुण्य भूमि बनाने का सूचक है।
पिच्छी परिवर्तन के लिए इस बार जिन परिवारों से ज्यादा व्यक्तियों ने नियम आवेदन दिया था। उन परिवारों के मध्य पात्र का चुनाव लकी ड्रॉ प्रणाली से हुआ। इससे सभी श्रावकों को संतोष हुआ।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
DAY 10
DAY 10 VIDHAAN
- 13/11/22
आज विधान का दसवा दिन था और विधान का आखरी दिन भी था। प्रातः 6:00 बजे प्रतिष्ठाचार्य जी के निर्देशन में जन्माभिषेक प्रारंभ हुआ जो मधुर सुप्रभात स्तोत्र एवं भजन के साथ आगे बड़ा | 6:30 पर मुनि श्री 108 समत्व सागर जी महाराज का ससंघ आगमन पश्चात शांतिधारा हुयी।
इसके बाद 9:00 बजे मुनि श्री 108 निवृत्तसागर जी एवं मुनि श्री 108 समत्व सागर जी के पावन प्रवचन हम श्रावकों को मिले। लगभग 12:30 तक सभी इंद्र-इंद्राणियों, राजाओं एवं श्रावकों ने भक्ति पूर्वक विधान संपन्न किया।
आज इस कल्पद्रुम विधान के अंतिम दिन में भी सभी श्रावकों में वही जोश था और सभी बहुत आनंदित और खुश थे इतने दिनों तक जिननेद्र भगवान् की आराधना करके।
शाम 6:00 बजे महा आरती के पात्रों द्वारा मंगल आरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पात्र हाथियों के ऊपर एवं चक्रवर्ती एवं सौधर्मेंद्र के साथ पांडाल में पधारे। सुंदर आरती के पश्चात पंडित जी ने प्रवचन दिए।
समवसरण का दृश्य बड़ा ही मनोहर था।
SHOBHAYATRA
BHAVY SHOBHA YATRA ,
Muni shri 108 nivratt sagar ji diksha diwas
& muni shri 108 suprabh sagar ji sangh aagvani
- 14/11/22
आज टीकमगढ़ नगर का महा सौभाग्य का दिन था जिसमे मंगल ही मंगल हो रहे थे। आज जिनेन्द्र भगवान् की शोभायात्रा का दिन था पर उसकी शोभा बढ़ाने के लिए मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी ससंघ की भव्य वात्सल्य भरी आगवानी हुई। साथ ही महा उपकार हुआ क्यूंकि आज मुनि श्री 108 निवृत्त सागर जी का दीक्षा दिवस भी था।
सुबह अभिषेक, शांतिधारा, पूजन और और विधान हवन संपन्न हुआ उसके बाद आचार्य भगवंत चर्या शिरोमणि श्री 108 विशुद्ध सागर जी महामुनिराज जी की भव्य संगीतमय पूजन हुई उसके उपरांत मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी के प्रवचन हुए, जिससे उन्होंने अपने छोटे भाइयों के प्रति वात्सल्य दिखते हुए सभी को शुभाशीष प्रदान किया। उसके उप
रान्त मुनि श्री 108 निवृत्त सागर जी के प्रवचन हुए जिसमे उन्होंने गुरु की कृपा को दर्शाते हुए अपनी भावना व्यक्त की।
दोपहर 1:00 बजे समवसरण से श्री जिनेन्द्र भगवान की भव्य शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। शोभायात्रा में अद्भुत गजरथ निकला गया जिस पर जिनेन्द्र भगवान विराजमान थे। मुनि संघ का भी हमें सानिध्य मिला। साथ ही घोड़े ,बग्गी, अलग अलग प्रकार के संगठनों ने जिनेन्द्र भगवान की जयजयकार करी। नगर के प्रत्येक व्यक्ति ,विधायक जी ,प्रशासनिक अधिकारी ,नेताओं ने भी पूरे मार्ग में सहयोग किया और पूरे नगर की परिक्रमा बड़े ही उत्साह के साथ संपन्न हुई।
अतः जिनेन्द्र भगवान की शोभायात्रा बड़ी ही भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुई जिसने पूरे भारतवर्ष और विश्व में जैन धर्म का डंका पीटा।